सत्यं शिवं सुन्दरम्

इस ब्लॉग का ध्येय, सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति का प्रसार करना तथा सन्तों के दुर्लभ प्रवचनों को जन-जन तक पहुंचाने का है | हम केवल धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों पर प्रामाणिक जानकारियों को ही प्रकाशित करते हैं। आत्मकल्याण तथा दुर्लभ-सत्संग हेतु हमसे जुड़ें और अपने सभी परिवारजनों और मित्रों को इसके लाभ की बात बताकर सबको जोड़ने का प्रयास करें | भगवान् में लगना और दूसरों को लगाना ‘परम-सेवा’ है | अतः इसका लाभ उठाना चाहिए |

रविवार, 9 दिसंबर 2018

गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 11)

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❈ श्री हरिः शरणम् ❈ गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 11) ( सम्पादक-कल्याण ) अब रही उपासनाकी पद्धति । सो व्यक्तोपासना भक्तिप्रधान होती ...

गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 10)

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❈ श्री हरिः शरणम् ❈ गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 10 ) ( सम्पादक-कल्याण ) अब व्यक्तोपासक की स्थिति देखिये । गीताका साकारोपासक भक्त...

गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 09)

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❈ श्री हरिः शरणम् ❈ गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 09) ( सम्पादक-कल्याण )  मन्दिर में, मन्दिर की मूर्ति में, उसकी दीवारमें, पूजामें, पूजाकी...

गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 08)

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❈ श्री हरिः शरणम् ❈ गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 08 ) ( सम्पादक-कल्याण ) वास्तव  में  वे धन्य हैं जिनके लिये निराकार ईश्वर साकार बनकर प्रकट ...

गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 08)

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❈ श्री हरिः शरणम् ❈ गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 08 ) ( सम्पादक-कल्याण ) वास्तव  में  वे धन्य हैं जिनके लिये निराकार ईश्वर साकार ...

गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 07)

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❈ श्री हरिः शरणम् ❈ गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 07 ) ( सम्पादक-कल्याण ) वे व्यक्तोपासक, भगवान्‌ की सगुण लीलाओंका आनन्द विशेष पाते हैं और उस...

गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 07)

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❈ श्री हरिः शरणम् ❈ गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 07 ) ( सम्पादक-कल्याण ) वे व्यक्तोपासक, भगवान्‌ की सगुण लीलाओंका आनन्द विशेष पात...

गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 06)

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❈ श्री हरिः शरणम् ❈ गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 06 ) ( सम्पादक-कल्याण ) अव्यक्तोपासक परम धाममें पहुँचकर मुक्त हो वहीं रह जाते हैं। वे परमात...

गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 06)

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❈ श्री हरिः शरणम् ❈ गीता में व्यक्तोपासना (पोस्ट 06 ) ( सम्पादक-कल्याण ) अव्यक्तोपासक परम धाममें पहुँचकर मुक्त हो वहीं रह जाते है...
मंगलवार, 9 अक्टूबर 2018

||श्री परमात्मने नम: || विवेक चूडामणि (पोस्ट.४९)

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||श्री परमात्मने नम: ||  विवेक चूडामणि (पोस्ट.४९) अन्नमय कोश पाणिपादादिमान्देहो नात्मा व्यंगेऽपि जीवनात् । तत्तच्छक्तेरनाशाच्च न नियम्यो ...
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