सत्यं शिवं सुन्दरम्

इस ब्लॉग का ध्येय, सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति का प्रसार करना तथा सन्तों के दुर्लभ प्रवचनों को जन-जन तक पहुंचाने का है | हम केवल धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों पर प्रामाणिक जानकारियों को ही प्रकाशित करते हैं। आत्मकल्याण तथा दुर्लभ-सत्संग हेतु हमसे जुड़ें और अपने सभी परिवारजनों और मित्रों को इसके लाभ की बात बताकर सबको जोड़ने का प्रयास करें | भगवान् में लगना और दूसरों को लगाना ‘परम-सेवा’ है | अतः इसका लाभ उठाना चाहिए |

रविवार, 27 जून 2021

कलियुग के धर्म (पोस्ट०२)

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  ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥   कलियुग के धर्म (पोस्ट०२)   श्री शुकदेवजी कहते हैं -प्रिय परीक्षित्‌ ! जब सब डाकुओंका संहार हो चुकेगा...
शनिवार, 26 जून 2021

कलियुग के धर्म (पोस्ट०१)

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  ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥   कलियुग के धर्म (पोस्ट०१)   श्री शुकदेवजी कहते हैं—परीक्षित्‌ ! समय बड़ा बलवान् है ; ज्यों-ज्यों घोर ...
गुरुवार, 24 जून 2021

शिवसंकल्पसूक्त (कल्याणसूक्त)

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  शिवसंकल्पसूक्त ( कल्याणसूक्त )   [ मनुष्यशरीर में प्रत्येक इन्द्रियका अपना विशिष्ट महत्त्व है , परंतु मनका महत्त्व सर्वोपरि है ; क्यो...
4 टिप्‍पणियां:
शुक्रवार, 18 जून 2021

भिक्षु गीता (पोस्ट०३)

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  || श्रीहरि: ||   भिक्षु गीता   (पोस्ट०३)   कालस्तु हेतुः सुखदुःखयोश्चे - त्किमात्मनस्तत्र तदात्मकोऽसौ । नाग्नेर्हि तापो न हिमस...

भिक्षु गीता (पोस्ट०२)

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    || श्रीहरि: ||   भिक्षु गीता   (पोस्ट०२)   मनोवशेऽन्ये ह्यभवन्स्म देवा मनश्च नान्यस्य वशं समेति । भीष्मो हि देवः सहसः सहीया ...
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