सत्यं शिवं सुन्दरम्

इस ब्लॉग का ध्येय, सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति का प्रसार करना तथा सन्तों के दुर्लभ प्रवचनों को जन-जन तक पहुंचाने का है | हम केवल धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों पर प्रामाणिक जानकारियों को ही प्रकाशित करते हैं। आत्मकल्याण तथा दुर्लभ-सत्संग हेतु हमसे जुड़ें और अपने सभी परिवारजनों और मित्रों को इसके लाभ की बात बताकर सबको जोड़ने का प्रयास करें | भगवान् में लगना और दूसरों को लगाना ‘परम-सेवा’ है | अतः इसका लाभ उठाना चाहिए |

गुरुवार, 6 अक्टूबर 2022

कामना और आवश्यकता (पोस्ट 02)

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  ।। श्रीहरिः ।।   कामना और आवश्यकता ( पोस्ट 02)   इतिहास पढ़ लें , भागवत आदि ग्रन्थ पढ़ लें , ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिलेगा , जिसकी सब...
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बुधवार, 5 अक्टूबर 2022

कामना और आवश्यकता (पोस्ट 01)

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  ।। श्रीहरिः ।।   कामना और आवश्यकता ( पोस्ट 01)   भगवान्‌ ने गीता में कहा है ‒‘ ममैवांशो जीवलोके जीवभूतः सनातनः ’ ( गीता १५ । ७)...
गुरुवार, 18 अगस्त 2022

जय श्रीकृष्ण !

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भक्तवाञ्छाकल्पतरु लीलापुरुषोत्तम  भगवान् श्रीकृष्ण के अवतरणदिवस  (श्रीकृष्ण जन्माष्टमी - स्मार्त) पर  हार्दिक शुभकामनाएं !! भगवान कृष्ण का ज...
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रविवार, 12 दिसंबर 2021

श्रीहरि

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|| ॐ नमो भगवते वासुदेवाय || यदि आपको परम गति की इच्छा है तो अपने मुखसे ही श्रीमद्भागवत के आधे अथवा चौथाई श्लोकका भी नित्य नियमपूर्वक पाठ कीज...
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बुधवार, 8 दिसंबर 2021

!!श्रीहरि:!!

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योगक्षेमं वहाम्यहम् भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं : हे अर्जुन ! (संसारके हितके लिये) मैं ही सूर्यरूपसे तपता हूँ, मैं ही जलको ग्रहण करता...
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शुक्रवार, 9 जुलाई 2021

गीता और भागवत के श्रीकृष्ण

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|| श्रीहरि: ||   गीता और भागवत के श्रीकृष्ण   कुछ लोग गीता के श्रीकृष्ण को निपुण तत्त्ववेत्ता , महायोगेश्वर , निर्भय योद्धा और अतुलनीय राजनी...
रविवार, 27 जून 2021

कलियुग के धर्म (पोस्ट०२)

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  ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥   कलियुग के धर्म (पोस्ट०२)   श्री शुकदेवजी कहते हैं -प्रिय परीक्षित्‌ ! जब सब डाकुओंका संहार हो चुकेगा...
शनिवार, 26 जून 2021

कलियुग के धर्म (पोस्ट०१)

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  ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥   कलियुग के धर्म (पोस्ट०१)   श्री शुकदेवजी कहते हैं—परीक्षित्‌ ! समय बड़ा बलवान् है ; ज्यों-ज्यों घोर ...
गुरुवार, 24 जून 2021

शिवसंकल्पसूक्त (कल्याणसूक्त)

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  शिवसंकल्पसूक्त ( कल्याणसूक्त )   [ मनुष्यशरीर में प्रत्येक इन्द्रियका अपना विशिष्ट महत्त्व है , परंतु मनका महत्त्व सर्वोपरि है ; क्यो...
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