रविवार, 22 जनवरी 2023

जय श्री राम !

“कृतजुग त्रेताँ द्वापर पूजा मख अरु जोग।
जो गति होइ सो कलि हरि नाम ते पावहिं लोग।।“

( सतयुग, त्रेता और द्वापरमें जो गति पूजा, यज्ञ और योग से प्राप्त होती है, वही गति कलियुग में लोग केवल भगवान् के नाम से पा जाते हैं )

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें