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शुक्रवार, 17 मार्च 2023
।। जय श्री राम ।।
जिन्ह हरिभगति हृदयँ नहिं आनी ।
जीवत सव समान तेइ प्रानी ॥
( जिन्होंने भगवान की भक्ति को अपने हृदय में स्थान नहीं दिया, वे प्राणी जीते हुए ही मुर्दे के समान हैं )
जय श्री राम
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