गुरुवार, 21 मार्च 2019

जगजननी जय ! जय !! मा ! जगजननी जय ! जय !!




हम अति दीन दुखी मा! विपत-जाल घेरे ।
हैं कपूत अति कपटी, पर बालक तेरे ॥




1 टिप्पणी:

श्रीमद्भागवतमहापुराण तृतीय स्कन्ध - इकतीसवाँ अध्याय..(पोस्ट०१)

॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ श्रीमद्भागवतमहापुराण  तृतीय स्कन्ध - इकतीसवाँ अध्याय..(पोस्ट०१) मनुष्ययोनि को प्राप्त हुए जीव की गति का वर्णन श्री...