शुक्रवार, 2 जून 2023

ठगो मत, चाहे ठगे जाओ !

||जय श्री हरि ||

ठगो मत,चाहे ठगे जाओ; क्योंकि संसार में हमेशा नहीं रहना है, जाना अवश्य है और साथ कुछ नहीं जाएगा –यह भी निश्चित है | यदि किसी को ठग लोगे तो ठगी हुई वस्तु तो नष्ट हो जायेगी या यहीं पडी रह जायेगी; पर उसका पाप तुम्हारे साथ जाएगा और उसका फल भोगना ही पड़ेगा | यदि तुमको कोई ठगले तो तुम्हारा भाग्य तो वह नहीं ले जाएगा—विचार करलो कि उसी के भाग्य की चीज थी, धोखे से तुम्हारे पास आ गयी थी, अब ठीक अपनी जगह पहुँच गयी या ऐसा सोच लो कि किसी समय का पिछला ऋण उसका तुम्हारे ऊपर था सो अब चुक गया | इस विचार से ठगाने में ज्यादा हानि नहीं, ठगने में ही ज्यादा है !!

......(कल्याण-- नीतिसार अंक)


1 टिप्पणी:

  1. सत्य कथन 🙏🙏
    🌸🌺🌾जय श्री हरि: !!🙏🙏
    ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

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