शनिवार, 4 फ़रवरी 2023

भगवान् शिवकृत सुप्रभातस्तोत्र



ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्च ।

गुरुश्च शुक्रः सह भानुजेन कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्  ॥१॥    

भृगुर्वसिष्ठः क्रतुरङ्गिराश्च मनुः पुलस्त्यः पुलहः सगौतमः ।

रैभ्यो मरीचिश्च्यवनो ऋभुश्च कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम् ॥२॥

सनत्कुमारः सनकः सनन्दनः सनातनोऽप्यासुरिपिङ्गलौ च।

सप्त स्वराः सप्त रसातलाश्च कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम् ॥३॥

पृथ्वी सगन्धा सरसास्तथाऽऽपः स्पर्शश्च वायुर्ज्वलनः सतेजाः।

नभः सशब्दं महता सहैव यच्छन्तु सर्वे मम सुप्रभातम् ॥४॥

सप्तार्णवाः सप्त कुलाचलाश्च सप्तर्षयो द्वीपवराश्च सप्त।

भूरादि कृत्वा भुवनानि सप्त ददन्तु सर्वे मम सुप्रभातम् ॥५॥

इत्थं प्रभाते परमं पवित्रं पठेत् स्मरेद्वा श्रृणुयाच्च भक्त्या।

दुःस्वप्ननाशोऽनघ सुप्रभातं भवेच्च सत्यं भगवत्प्रसादात् ॥६॥

 

'ब्रह्मा, विष्णु, शंकर ये देवता तथा सूर्य, चन्द्रमा, मङ्गल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनैश्वर ग्रह - ये सभी मेरे प्रातः काल को मङ्गलमय बनायें । भृगु, वसिष्ठ, क्रतु, अङ्गिरा, मनु, पुलस्त्य, पुलह, गौतम, रैभ्य, मरीचि, च्यवन तथा ऋभु - ये सभी ( ऋषि ) मेरे प्रातः काल को मङ्गलमय बनायें । सनत्कुमार, सनक, सनन्दन, सनातन, आसुरि, पिङ्गल, सातों स्वर एवं सातों रसातल -- ये सभी मेरे प्रातःकाल को मङ्गलमय बनायें '         

'गन्धगुणवाली पृथ्वी, रसगुणवाला जल, स्पर्शगुणवाली वायु, तेजोगुणवाली अग्नि, शब्दगुणवाला आकाश वें महत्तत्व - ये सभी मेरे प्रातःकाल को मङ्गलमय बनायें । सातों समुद्र, सातों कुलपर्वत, सप्तर्षि, सातों श्रेष्ठ द्वीप और भू आदि सातों लोक - ये सभी प्रभातकाल में मुझे मङ्गल प्रदान करें । ' इस प्रकार प्रातः काल में परम पवित्र सुप्रभातस्तोत्र को भक्तिपूर्वक पढ़े, स्मरण करे अथवा सुने । ऐसा करने से भगवान की कृपा से निश्चय ही उसके दुःस्वप्न का नाश होता है तथा सुन्दर प्रभात होता है ।

 

(गीताप्रेस,गोरखपुर द्वारा प्रकाशित श्रीवामन पुराण १४/२३-२८ )




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