शनिवार, 29 अप्रैल 2023

देवता कौन ?.... (पोस्ट 12)


प्रश्न‒यज्ञ आदि करने से देवताओं की पुष्टि होती है और यज्ञ आदि न करनेसे वे क्षीण हो जाते हैं‒इसका तात्पर्य क्या है ?

उत्तर‒जैसे वृक्ष, लता आदिमें स्वाभाविक ही फल-फूल लगते हैं; परन्तु यदि उनको खाद और पानी दिया जाय तो उनमें फल-फूल विशेषता से लगते हैं । ऐसे ही शास्त्रविधि के अनुसार देवताओं के लिये यज्ञादि अनुष्ठान करनेसे देवताओं को खुराक मिलती है, जिससे वे पुष्ट होते हैं और उनको बल मिलता है, सुख मिलता है । परंतु यज्ञ आदि न करनेसे उनको विशेष बल, शक्ति नहीं मिलती ।

यज्ञ आदि न करने से मर्त्यदेवताओं की शक्ति तो क्षीण होती ही है, आजानदेवताओ में जो कार्य करने की क्षमता होती है, उसमें भी कमी आ जाती है । उस कमी के कारण ही संसार में अनावृष्टि, अतिवृष्टि आदि उपद्रव होने लगते हैं ।

(शेष आगामी पोस्ट में )
---गीताप्रेस,गोरखपुर द्वारा प्रकाशित, श्रद्धेय स्वामी रामसुखदास जी की “कल्याण-पथ “ पुस्तकसे


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