प्रश्न‒क्या देवोपासना सब के लिये आवश्यक है ?
उत्तर‒जैसे प्राणिमात्र को ईश्वर का स्वरूप मानकर आदर-सत्कार करना चाहिये, ऐसे ही देवताओं को ईश्वर का स्वरूप मानकर उनकी तिथि के अनुसार उन का पूजन करना गृहस्थ और वानप्रस्थके लिये आवश्यक है । परन्तु उनका पूजन कोई भी कामना न रखकर, केवल भगवान् और शास्त्रकी आज्ञा मानकर ही किया जाना चाहिये ।
प्रश्न‒देवोपासना करनेसे क्या लाभ है ?
उत्तर‒निष्कामभावसे देवताओंका पूजन करनेसे अन्तःकरणकी शुद्धि होती है और वे देवता यज्ञ (कर्तव्यकर्म) की सामग्री भी देते हैं । उस सामग्री का सदुपयोग करके मनुष्य मनोऽभिलषित वस्तुकी प्राप्ति कर सकते हैं ।[*]
...........................................
[*] काङ्क्षन्तः कर्मणां सिद्धिं यजन्त इह देवताः ।
क्षिप्रं हि मानुषे लोके सिद्धिर्भवति कर्मजा ॥
………….(गीता ४ । १२)
(कर्मोंकी सिद्धि (फल) चाहने वाले मनुष्य देवताओं की उपासना किया करते हैं; क्योंकि इस मनुष्यलोक में कर्मोंसे उत्पन्न होनेवाली सिद्धि जल्दी मिल जाती है)
(शेष आगामी पोस्ट में )
हे अनंत कोटि ब्रह्मांड के स्वामी
जवाब देंहटाएंपरम् ब्रह्म परमेश्वर तुम्हें सहस्त्रों सहस्त्रों कोटिश: नमन वंदन प्रणाम
🌷🍂🌹🌾🙏🙏🙏🙏