शनिवार, 22 अप्रैल 2023

कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणतक्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः।।


नाम-जप, कीर्तन आदि यदि अश्रद्धापूर्वक भी किये जाते हैं तो वे असत्‌ नहीं होते; क्योंकि उनमें भगवान्‌ का सम्बन्ध होने से वे ‘कर्म’ नहीं हैं, प्रत्युत ‘उपासना’ हैं ।


1 टिप्पणी:

  1. श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेव
    🌹🍂🌸🌾जय श्री हरि: !!🙏🙏

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