“जन्म जन्म मुनि जतनु कराहीं। अंत राम कहि आवत नाहीं॥
जासु नाम बल संकर कासी। देत सबहि सम गति अबिनासी॥“
( मुनिगण जन्म-जन्म में अनेकों प्रकार का साधन करते रहते हैं। फिर भी अंतकाल में उनके मुख से राम नाम नहीं निकलता, जिनके नाम के बल से शंकरजी काशी में सबको समान रूप से अविनाशिनी गति (मुक्ति) देते हैं)
Mata ram matpita ramachandra ,swamy ram mat salkha ramchandra , sarwsaya ramchandra dayalu na janey Anya na janey na janey.
जवाब देंहटाएं🌼🌷🌾जय श्री हरि: !!🙏🙏
जवाब देंहटाएंहरि कृपा ही केवलम