गुरुवार, 6 सितंबर 2018

||श्री परमात्मने नम :|| विवेक चूडामणि (पोस्ट.०४)




||श्री परमात्मने नम :|| 
विवेक चूडामणि (पोस्ट.०४)


ज्ञानोपलब्धि का उपाय 

अतो विमुक्त्यै प्रयतेत विद्वान्
संन्यस्तबाह्यार्थसुखस्पृह: सन् |
सन्तं महान्तं समुपेत्य देशिकं
तेनोपदिष्टार्थसमाहितात्मा ||||

(इसलिए विद्वान सम्पूर्ण बाह्य भोगों की इच्छा त्याग कर सन्त शिरोमणि गुरुदेव की शरण जाकर उनके उपदेश किये हुए विषय में समाहित होकर मुक्ति के लिए प्रयत्न करे)

उद्धरेदात्मनात्मानं मग्नं संसारवारिधौ |
योगारूढ़त्वमासाद्य सम्यग्दर्शननिष्ठया || ||

(और निरन्तर सत्य वस्तु आत्मा के दर्शन में स्थित रहता हुआ योगारूढ होकर संसार-समुद्र में डूबे हुए अपनी आत्मा का आप ही उद्धार करें)

नारायण ! नारायण !!

शेष आगामी पोस्ट में 
---गीताप्रेस,गोरखपुर द्वारा प्रकाशित विवेक चूडामणि”..हिन्दी अनुवाद सहित(कोड-133) पुस्तकसे



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

श्रीमद्भागवतमहापुराण चतुर्थ स्कन्ध - आठवां अध्याय..(पोस्ट०१)

॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ श्रीमद्भागवतमहापुराण  चतुर्थ स्कन्ध – आठवाँ अध्याय..(पोस्ट०१) ध्रुवका वन-गमन मैत्रेय उवाच - सनकाद्या नारदश्च ऋभुर्...