☼ श्रीदुर्गादेव्यै
नमो नम: ☼
अथ
श्रीदुर्गासप्तशती
श्रीदुर्गामानस पूजा (पोस्ट १०)
श्रीदुर्गामानस पूजा (पोस्ट १०)
कह्लारोत्पलनागकेसरसरोजाख्यावलीमालती-
मल्लीकैरवकेतकादिकुसुमै रक्ताश्वमारादिभिः ।
पुष्पैर्माल्यभरेण वै सुरभिणा नानारसस्रोतसा
ताम्राम्भोजनिवासिनीं भगवतीं श्रीचण्डिकां पूजये ॥ १०॥
मैं
कह्लार,
उत्पल, नागकेसर, कमल,
मालती, मल्लिका, कुमुद,
केतकी और लाल कनेर आदि फूलोंसे, सुगन्धित
पुष्पमालाओंसे तथा नाना प्रकारके रसोंकी धारासे लाल कमलके
भीतर
निवास करनेवाली श्रीचण्डिका देवीकी पूजा करता हूँ ॥१०॥
शेष
आगामी पोस्ट में --
गीताप्रेस,गोरखपुर द्वारा प्रकाशित श्रीदुर्गासप्तशती पुस्तक कोड 1281 से
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