शुक्रवार, 17 मई 2019

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

श्रीमद्भागवत की कथा का सदा-सर्वदा सेवन, आस्वादन करना चाहिये। इसके श्रवणमात्र से श्रीहरि हृदय में आ विराजते हैं ॥

सदा सेव्या सदा सेव्या श्रीमद्‌भागवती कथा ।
यस्याः श्रवणमात्रेण हरिश्चित्तं समाश्रयेत् ॥

……… श्रीमद्भागवतमाहात्म्य -- ३|२५



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

श्रीमद्भागवतमहापुराण तृतीय स्कन्ध - सत्ताईसवाँ अध्याय..(पोस्ट०३)

॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ श्रीमद्भागवतमहापुराण  तृतीय स्कन्ध - सत्ताईसवाँ अध्याय..(पोस्ट०३) प्रकृति-पुरुषके विवेक से मोक्ष-प्राप्ति का वर्णन...