सोमवार, 14 अक्तूबर 2019

श्रीमद्भागवतमहापुराण अष्टम स्कन्ध – तेरहवाँ अध्याय..(पोस्ट०५)


॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥

श्रीमद्भागवतमहापुराण
अष्टम स्कन्ध – तेरहवाँ अध्याय..(पोस्ट०५)

आगामी सात मन्वन्तरोंका वर्णन

मनुर्वै धर्मसावर्णिरेकादशम आत्मवान्
अनागतास्तत्सुताश्च सत्यधर्मादयो दश ॥ २४ ॥
विहङ्गमाः कामगमा निर्वाणरुचयः सुराः
इन्द्रश्च वैधृतस्तेषामृषयश्चारुणादयः ॥ २५ ॥
आर्यकस्य सुतस्तत्र धर्मसेतुरिति स्मृतः
वैधृतायां हरेरंशस्त्रिलोकीं धारयिष्यति ॥ २६ ॥
भविता रुद्र सावर्णी राजन्द्वादशमो मनुः
देववानुपदेवश्च देवश्रेष्ठादयः सुताः ॥ २७ ॥
ऋतधामा च तत्रेन्द्रो देवाश्च हरितादयः
ऋषयश्च तपोमूर्तिस्तपस्व्याग्नीध्रकादयः ॥ २८ ॥
स्वधामाख्यो हरेरंशः साधयिष्यति तन्मनोः
अन्तरं सत्यसहसः सुनृतायाः सुतो विभुः ॥ २९ ॥

ग्यारहवें मनु होंगे अत्यन्त संयमी धर्मसावर्णि। उनके सत्य, धर्म आदि दस पुत्र होंगे ॥ २४ ॥ विहङ्गम, कामगम, निर्वाणरुचि आदि देवताओंके गण होंगे। अरुणादि सप्तर्षि होंगे और वैधृत नामके इन्द्र होंगे ॥ २५ ॥ आर्यक की पत्नी वैधृताके गर्भसे धर्मसेतुके रूपमें भगवान्‌का अंशावतार होगा और उसी रूपमें वे त्रिलोकीकी रक्षा करेंगे ॥ २६ ॥
परीक्षित्‌ ! बारहवें मनु होंगे रुद्रसावर्णि। उनके देववान्, उपदेव और देवश्रेष्ठ आदि पुत्र होंगे ॥ २७ ॥ उस मन्वन्तर में ऋतधामा नामक इन्द्र होंगे और हरित आदि देवगण। तपोमूर्ति, तपस्वी आग्रीध्रक आदि सप्तर्षि होंगे ॥ २८ ॥ सत्यसहा की पत्नी सूनृता के गर्भ से स्वधाम के रूप में भगवान्‌ का अंशावतार होगा और उसी रूपमें भगवान्‌ उस मन्वन्तरका पालन करेंगे ॥ २९ ॥

शेष आगामी पोस्ट में --
गीताप्रेस,गोरखपुर द्वारा प्रकाशित श्रीमद्भागवतमहापुराण  (विशिष्टसंस्करण)  पुस्तककोड 1535 से




2 टिप्‍पणियां:

  1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय 🙏🌺🌹🙏

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  2. 🌾🌺🥀जय श्री हरि: 🙏🙏
    ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

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