॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥
श्रीमद्भागवतमहापुराण
अष्टम स्कन्ध – सोलहवाँ अध्याय..(पोस्ट०४)
कश्यपजी के द्वारा अदिति को पयोव्रत का उपदेश
कश्यप उवाच -
एतन्मे भगवान् पृष्टः प्रजाकामस्य पद्मजः ।
यदाह ते प्रवक्ष्यामि व्रतं केशवतोषणम् ॥ २४ ॥
फाल्गुनस्यामले पक्षे द्वादशाहं पयोव्रतम् ।
अर्चयेत् अरविन्दाक्षं भक्त्या परमयान्वितः ॥ २५ ॥
सिनीवाल्यां मृदालिप्य स्नायात् क्रोडविदीर्णया ।
यदि लभ्येत वै स्रोतसि एतं मंत्रं उदीरयेत् ॥ २६ ॥
त्वं देव्यादिवराहेण रसायाः स्थानमिच्छता ।
उद्धृतासि नमस्तुभ्यं पाप्मानं मे प्रणाशय ॥ २७ ॥
कश्यपजीने कहा—देवि ! जब मुझे सन्तान की कामना हुई थी, तब मैंने भगवान् ब्रह्माजीसे यही बात पूछी थी। उन्होंने मुझे भगवान् को
प्रसन्न करनेवाले जिस व्रतका उपदेश किया था, वही मैं तुम्हें बतलाता हूँ ॥ २४ ॥ फाल्गुनके शुक्लपक्षमें बारह दिनतक केवल
दूध पीकर रहे और परम भक्तिसे भगवान् कमलनयनकी पूजा करे ॥ २५ ॥ अमावस्याके दिन यदि
मिल सके तो सूअरकी खोदी हुई मिट्टीसे अपना शरीर मलकर नदीमें स्नान करे। उस समय यह
मन्त्र[*] पढऩा चाहिये ॥ २६ ॥ हे देवि ! प्राणियोंको स्थान देने की इच्छा से
वराहभगवान् ने रसातल से तुम्हारा उद्धार किया था। तुम्हें मेरा नमस्कार है। तुम
मेरे पापोंको नष्ट कर दो ॥ २७ ॥
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[*] त्वं देव्यादिवराहेण रसाया: स्थानमिच्छता। उद्धृतासि
नमस्तुभ्यं पाप्मानं मे प्रणाशय ।।
शेष आगामी पोस्ट में --
गीताप्रेस,गोरखपुर द्वारा प्रकाशित श्रीमद्भागवतमहापुराण (विशिष्टसंस्करण) पुस्तककोड 1535 से
Jay shreKrishnae
जवाब देंहटाएंॐ नमो भगवते वासुदेवाय
जवाब देंहटाएंॐ नमो भगवते वासुदेवाय 🙏🌹🌺🙏
जवाब देंहटाएंजय श्री सीताराम जय हो प्रभु जय हो
जवाब देंहटाएं🌼🥀🌾💐जय श्री हरि: 🙏🙏
जवाब देंहटाएंॐ नमो भगवते वासुदेवाय
नारायण नारायण नारायण हरि: हरि: