जय सियाराम जय जय सियाराम !
श्रीहनुमान जी के स्वरूप और रूप पर वेदों, उपनिषदों और पुराणों तथा भक्ति-साहित्य में सांगोपांग विवेचन उपलब्ध होता है | श्री हनुमान साक्षात् परब्रह्म हैं और वे रुद्र रूप में प्रकट महादिव्य शक्ति के – भागवत ज्योति के प्रतीक हैं | वे ॐस्वरूप हैं, परम उपास्य हैं | ॐकार में मकार उन्हीं का रूप है, मकार शिव का वाचक है –
“मकाराक्षरसम्भूत: शिवस्तु हनुमान् स्मृत:”
.......(तारसारोपनिषद् २|२)
श्रीराम की दास्य-भक्ति के सम्पूर्ण रसास्वादन के लिए ही परब्रह्म रुद्र हनुमान के रूप में प्रकट हुए |
श्रीहनुमान जी के रूप, अंग-प्रत्यंग, परिधान, अलंकार, आभूषण, श्रृंगार आदि का चिंतन उन्हीं की कृपा से सम्भव है | भगवान् श्रीराम के चरण-कल्पतरु के मूल—दास्य में तल्लीन श्रीहनुमान के अनुग्रह और प्रसन्नता से ही प्राणी उनके रूप के दर्शन तथा वर्णन का सौभाग्य प्राप्त करता है |
{कल्याण श्री हनुमान अंक}
जय श्रीराम
जवाब देंहटाएं🌹🌾जय श्री राम जय सिया राम जय हो राम भक्त हनुमानजी 🙏🙏
जवाब देंहटाएं