हे राघव ! सीता के सहित आप सर्वदा मेरे हृदय में निवास करें; मुझे चलते-फिरते सदा आपका स्मरण बना रहे ॥
(सदा मे सीतया सार्धं हृदये वस राघव ।
गच्छतस्तिष्ठतो वापि स्मृतिः स्यान्मे सदा त्वयि)
....अध्यात्मरामायण (३-४-४४)
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॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ श्रीमद्भागवतमहापुराण तृतीय स्कन्ध - पाँचवा अध्याय..(पोस्ट०९) विदुरजीका प्रश्न और मैत्रेयजीका सृष्टिक्रमवर्णन देव...
जय श्री राम
जवाब देंहटाएंश्री राम जय राम जय जय राम
जवाब देंहटाएंजय श्री राम जय जय सियाराम
🌼🍂🌹जय श्री हरि: !!🙏🙏