मंगलवार, 4 अप्रैल 2023

।। श्री जानकीवल्लभो विजयते।।

हे राघव ! सीता के सहित आप सर्वदा मेरे हृदय में निवास करें; मुझे चलते-फिरते सदा आपका स्मरण बना रहे ॥

(सदा मे सीतया सार्धं हृदये वस राघव ।
गच्छतस्तिष्ठतो वापि स्मृतिः स्यान्मे सदा त्वयि)
          ....अध्यात्मरामायण (३-४-४४)


2 टिप्‍पणियां:

  1. श्री राम जय राम जय जय राम
    जय श्री राम जय जय सियाराम
    🌼🍂🌹जय श्री हरि: !!🙏🙏

    जवाब देंहटाएं

श्रीमद्भागवतमहापुराण तृतीय स्कन्ध - सत्ताईसवाँ अध्याय..(पोस्ट०३)

॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ श्रीमद्भागवतमहापुराण  तृतीय स्कन्ध - सत्ताईसवाँ अध्याय..(पोस्ट०३) प्रकृति-पुरुषके विवेक से मोक्ष-प्राप्ति का वर्णन...