यदि संभव हो तो सात दिन में एक बार, जिनसे स्वभाव मिलता हो— ऐसे सत्संगी भाइयों के साथ बैठकर आपस में विचार-विनिमय
करें और उनके सामने अपने दोषों को बिना किसी संकोच तथा छिपाव के स्पष्ट शब्दों में
प्रकट कर दें तथा उनको हटाने के लिए उनसे परामर्श लें | ऐसा करने से साधक के दोष
शीघ्र ही मिट जाते हैं |
...ब्रह्मलीन श्रद्धेय स्वामी श्रद्धानन्द
जी महाराज
🌷💖🥀🌸जय श्री हरि: !!🙏🙏
जवाब देंहटाएंश्रीहरि
जवाब देंहटाएंजय श्री सीताराम
जवाब देंहटाएंसीताराम
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