||श्रीराधाकृष्णाभ्यां नम:||
जिस घर में नित्यप्रति श्रीमद्भागवत की कथा होती है, वह तीर्थरूप हो जाता है और जो लोग उसमें रहते हैं, उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं ॥
“कथा भागवतस्यापि नित्यं भवति यद्गृहे ।
तद्गृहं तीर्थरूपं हि वसतां पापनाशनम् ॥ “
तद्गृहं तीर्थरूपं हि वसतां पापनाशनम् ॥ “
...... (श्रीमद्भागवतमाहात्म्य ०३/२९)
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