शनिवार, 6 अप्रैल 2019




पावन वासन्त नवरात्र पर्व एवं 
नव सम्वत्सर 2076 वि० 
की हार्दिक शुभ कामनाएं !!

न मन्त्रं नो यन्त्रं तदपि च न जाने स्तुतिमहो
न चाह्वानं ध्यानं तदपि च न जाने स्तुतिकथा:|
न जाने मुद्रास्ते तदपि च न जाने विलपनं
परं जाने मातस्त्वदनुसरणं क्लेशहरणम् ||”

(हे मात:! मैं तुम्हारा मन्त्र, यन्त्र, स्तुति, आवाहन, ध्यान, स्तुतिकथा, मुद्रा तथा विलाप कुछ भी नहीं जानता; परन्तु सब प्रकार के क्लेशों को दूर करने वाला आपका अनुसरण करना (पीछे चलना) ही जानता हूँ)

---गीताप्रेस,गोरखपुर द्वारा प्रकाशित स्तोत्र रत्नावलीपुस्तक से



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