गुरुवार, 3 अक्तूबर 2019

श्रीमद्भागवतमहापुराण अष्टम स्कन्ध – दसवाँ अध्याय..(पोस्ट०७)


॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥

श्रीमद्भागवतमहापुराण
अष्टम स्कन्ध – दसवाँ अध्याय..(पोस्ट०७)

देवासुर-संग्राम

ससर्जाथासुरीं मायामन्तर्धानगतोऽसुरः
ततः प्रादुरभूच्छैलः सुरानीकोपरि प्रभो ॥ ४५ ॥
ततो निपेतुस्तरवो दह्यमाना दवाग्निना
शिलाः सटङ्कशिखराश्चूर्णयन्त्यो द्विषद्बलम् ॥ ४६ ॥
महोरगाः समुत्पेतुर्दन्दशूकाः सवृश्चिकाः
सिंहव्याघ्रवराहाश्च मर्दयन्तो महागजाः ॥ ४७ ॥

परीक्षित्‌ ! अब इन्द्र की फुर्ती से घबराकर पहले तो बलि अन्तर्धान हो गये, फिर उन्होंने आसुरी माया की सृष्टि की। तुरंत ही देवताओं की सेना के ऊपर एक पर्वत प्रकट हुआ ॥ ४५ ॥ उस पर्वत से दावाग्नि से जलते हुए वृक्ष और टाँकी-जैसी तीखी धारवाले शिखरों के साथ नुकीली शिलाएँ गिरने लगीं। इससे देवताओं की सेना चकनाचूर होने लगी ॥ ४६ ॥ तत्पश्चात् बड़े-बड़े साँप, दन्दशूक, बिच्छू और अन्य विषैले जीव उछल-उछलकर काटने और डंक मारने लगे। सिंह, बाघ और सूअर देव-सेनाके बड़े-बड़े हाथियोंको फाडऩे लगे ॥ ४७ ॥

शेष आगामी पोस्ट में --
गीताप्रेस,गोरखपुर द्वारा प्रकाशित श्रीमद्भागवतमहापुराण  (विशिष्टसंस्करण)  पुस्तककोड 1535 से





6 टिप्‍पणियां:

  1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

    जवाब देंहटाएं
  2. जय श्री सीताराम जय हो प्रभु जय हो

    जवाब देंहटाएं
  3. विवेक स्वामी19 जून 2023 को 11:58 am बजे

    जय श्री कृष्ण 💐🙏🏻💐

    जवाब देंहटाएं
  4. विवेक स्वामी19 जून 2023 को 11:59 am बजे

    जय श्री कृष्ण 💐🙏🏻💐

    जवाब देंहटाएं
  5. 🍂🌹🌾जय श्री हरि: 🙏🙏
    नारायण नारायण नारायण नारायण
    ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

    जवाब देंहटाएं

श्रीमद्भागवतमहापुराण तृतीय स्कन्ध-पांचवां अध्याय..(पोस्ट१२)

॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ श्रीमद्भागवतमहापुराण  तृतीय स्कन्ध - पाँचवा अध्याय..(पोस्ट१२) विदुरजीका प्रश्न  और मैत्रेयजीका सृष्टिक्रमवर्णन तत्...