शुक्रवार, 14 अप्रैल 2023

श्री रामचन्द्र कृपालु भज मन.........

कलिजुग सम जुग आन नहिं जौं नर कर बिस्वास।
गाइ राम गुन गन बिमल भव तर बिनहिं प्रयास।।

(यदि मनुष्य विश्वास करे, तो कलियुग के समान दूसरा युग नहीं है। क्योंकि इस युग में श्रीरामजी के निर्मल गुणसमूहों को गा-गाकर मनुष्य बिना ही परिश्रम संसार रूपी समुद्र से तर जाता है )


1 टिप्पणी:

  1. राम राम श्री राम राम जय राम राम श्री राम
    जय श्री राम जय जय सियाराम
    🍂🌷🌸🍂🙏🙏🙏🙏

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