सोमवार, 8 अप्रैल 2019

श्रीदुर्गासप्तशती श्रीदुर्गाद्वात्रिंशत्-नाममाला (पोस्ट ०२)



श्रीदुर्गादेव्यै नमो नम:


अथ श्रीदुर्गासप्तशती
श्रीदुर्गाद्वात्रिंशत्-नाममाला (पोस्ट ०२)

देवताओं के इस प्रकार प्रार्थना करनेपर दयामयी दुर्गादेवी ने  कहा-देवगण! सुनो-यह रहस्य अत्यन्त गोपनीय और दुर्लभ है। मेरे बत्तीस नामों की माला सब प्रकार की आपत्ति का विनाश करनेवाली है। तीनों लोकों में इसके समान दूसरी कोई स्तुति नहीं है। यह रहस्यरूप है। इसे बतलाती हूँ, सुनो---

दुर्गा दुर्गार्तिशमनी दुर्गापद्विनिवारिणी
दुर्गमच्छेदिनी दुर्गसाधिनी दुर्गनाशिनी,
दुर्गतोद्धारिणी दुर्गनिहन्त्री दुर्गमापहा,
दुर्गमज्ञानदा दुर्गदैत्यलोकदवानला,
दुर्गमा दुर्गमालोका दुर्गमात्मस्वरूपिणी,
दुर्गमार्गप्रदा दुर्गमविद्या दुर्गमाश्रिता,
दुर्गमज्ञानसंस्थाना दुर्गमध्यानभासिनी
दुर्गमोहा दुर्गमगा दुर्गमार्थस्वरूपिणी
दुर्गमासुरसंहन्त्री दुर्गमायुधधारिणी
दुर्गमाङ्गी दुर्गमता  दुर्गम्या दुर्गमेश्वरी
दुर्गभीमा दुर्गभामा  दुर्गभा दुर्गदारिणी।।
नामावलिमिमां यस्तु दुर्गाया मम मानव: ||
पठेत् सर्वभयान्मुक्तो भविष्यति न शंशय: ||

१-दुर्गा,२-दुर्गार्तिशमनी,३-दुर्गापद्विनिवारिणी,४-दुर्गमच्छेदिनी, ५-दुर्गसाधिनी, ६-दुर्गनाशिनी, ७-दुर्गतोद्धारिणी, ८-दुर्गनिहन्त्री,९-दुर्गमापहा,१०-दुर्गमज्ञानदा,११-दुर्गदैत्यलोकदवानला, १२-दुर्गमा,१३-दुर्गमालोका,१४-दुर्गमात्मस्वरूपिणी,१५-दुर्गमार्गप्रदा,१६-दुर्गमविद्या,१७- दुर्गमाश्रिता,१८ दुर्गमज्ञानसंस्थाना,१९-दुर्गमध्यानभासिनी,२०-दुर्गमोहा,२१-दुर्गमगा,२२- दुर्गमार्थस्वरूपिणी,८-दुर्गमेश्वरी,२९-दुर्गभीमा,३०-दुर्गभामा,३१-दुर्गभा,३२-दुर्गदारिणी।।

जो मनुष्य मुझ दुर्गा की इस नाममाला का पाठ करता है, वह निःसन्देह सब प्रकार के भय से मुक्त हो जायगा।'

शेष आगामी पोस्ट में --
गीताप्रेस,गोरखपुर द्वारा प्रकाशित श्रीदुर्गासप्तशती पुस्तक कोड 1281 से







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