गुरुवार, 12 जून 2025

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

हरि:ॐ

जो लोग दरिद्रता के दु:खज्वर की ज्वाला से दग्ध हो रहे हैं, जिन्हें माया-पिशाची ने रौंद डाला है तथा जो संसार-समुद्रमें डूब रहे हैं, उनका कल्याण करनेके लिये श्रीमद्भागवत सिंहनाद कर रहा है ॥

दारिद्र्यदुःखज्वरदाहितानां
     मायापिशाचीपरिमर्दितानाम्
संसारसिन्धौ परिपातितानां
     क्षेमाय वै भागवतं प्रगर्जति ॥ ९२ ॥


2 टिप्‍पणियां:

  1. 🌺💖🌺 जय श्रीकृष्ण🙏🙏
    ॐ श्रीपरमात्मने नमः
    हे दीनबंधु करुणानिधान जगतपति सर्वात्म सर्वेश्वर नारायण के वांग्मय स्वरूप श्रीमद् भागवत महापुराण को सहस्त्रों सहस्त्रों कोटिश: चरण वंदन 🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  2. 🌹🙏 जय श्री हरि।🙏🌹

    जवाब देंहटाएं

श्रीमद्भागवतमहापुराण तृतीय स्कन्ध - सत्ताईसवाँ अध्याय..(पोस्ट०३)

॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ श्रीमद्भागवतमहापुराण  तृतीय स्कन्ध - सत्ताईसवाँ अध्याय..(पोस्ट०३) प्रकृति-पुरुषके विवेक से मोक्ष-प्राप्ति का वर्णन...