हरि:ॐ
जो लोग दरिद्रता के दु:खज्वर की ज्वाला से दग्ध हो रहे हैं, जिन्हें माया-पिशाची ने रौंद डाला है तथा जो संसार-समुद्रमें डूब रहे हैं, उनका कल्याण करनेके लिये श्रीमद्भागवत सिंहनाद कर रहा है ॥
दारिद्र्यदुःखज्वरदाहितानां
मायापिशाचीपरिमर्दितानाम्
संसारसिन्धौ परिपातितानां
🌺💖🌺 जय श्रीकृष्ण🙏🙏
जवाब देंहटाएंॐ श्रीपरमात्मने नमः
हे दीनबंधु करुणानिधान जगतपति सर्वात्म सर्वेश्वर नारायण के वांग्मय स्वरूप श्रीमद् भागवत महापुराण को सहस्त्रों सहस्त्रों कोटिश: चरण वंदन 🙏🙏
🌹🙏 जय श्री हरि।🙏🌹
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