|| गोविंदाय नमो नम: ||
“सदा सेव्या सदा सेव्या श्रीमद्भागवती कथा ।
यस्याः श्रवणमात्रेण हरिश्चित्तं समाश्रयेत् ॥ “
श्रीमद्भागवत की कथा का सदा-सर्वदा सेवन, आस्वादन करना चाहिये। इसके श्रवणमात्र से श्रीहरि हृदय में आ विराजते हैं ॥
...... (श्रीमद्भागवतमाहात्म्य ०३/२५)
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