बुधवार, 15 मार्च 2023

श्रीजानकीवल्लभो विजयते !

“ सीता अनुज समेत प्रभु नील जलद तनु स्याम।
मम हियँ बसहु निरंतर सगुनरूप श्री राम॥“

( हे नीले मेघ के समान श्याम शरीर वाले सगुण रूप श्री रामजी ! सीताजी और छोटे भाई लक्ष्मणजी सहित प्रभु (आप) निरंतर मेरे हृदय में निवास कीजिए )


2 टिप्‍पणियां:

श्रीमद्भागवतमहापुराण तृतीय स्कन्ध - बीसवाँ अध्याय..(पोस्ट०४)

॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ श्रीमद्भागवतमहापुराण  तृतीय स्कन्ध - बीसवाँ अध्याय..(पोस्ट०४) ब्रह्माजीकी रची हुई अनेक प्रकारकी सृष्टिका वर्णन सोऽ...