गुरुवार, 21 मार्च 2019

जगजननी जय ! जय !! मा ! जगजननी जय ! जय !!




हम अति दीन दुखी मा! विपत-जाल घेरे ।
हैं कपूत अति कपटी, पर बालक तेरे ॥




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श्रीमद्भागवतमहापुराण चतुर्थ स्कन्ध - आठवां अध्याय..(पोस्ट०४)

॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ श्रीमद्भागवतमहापुराण  चतुर्थ स्कन्ध – आठवाँ अध्याय..(पोस्ट०४) ध्रुवका वन-गमन यस्याङ्‌घ्रिपद्मं परिचर्य विश्व      ...