इस ब्लॉग का ध्येय, सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति का प्रसार करना तथा सन्तों के दुर्लभ प्रवचनों को जन-जन तक पहुंचाने का है | हम केवल धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों पर प्रामाणिक जानकारियों को ही प्रकाशित करते हैं। आत्मकल्याण तथा दुर्लभ-सत्संग हेतु हमसे जुड़ें और अपने सभी परिवारजनों और मित्रों को इसके लाभ की बात बताकर सबको जोड़ने का प्रयास करें | भगवान् में लगना और दूसरों को लगाना ‘परम-सेवा’ है | अतः इसका लाभ उठाना चाहिए |
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- स्तोत्र
मंगलवार, 13 फ़रवरी 2024
श्रीमद्भागवतमहापुराण प्रथम स्कन्ध--दूसरा अध्याय..(पोस्ट०१)
# कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने । प्रणतक्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम: ॥
मननशील मुनि इन
सबके रूप में श्रीकृष्णपद को ही प्राप्त करता है ।।
........गीता
प्रेस,गोरखपुर द्वारा प्रकाशित श्रीगर्ग संहिता (विश्वजित् खण्ड- ३३/२२-२३)
सोमवार, 12 फ़रवरी 2024
श्रीमद्भागवतमहापुराण प्रथम स्कन्ध - पहला अध्याय..(पोस्ट०८)
श्रीमद्भागवतमहापुराण प्रथम स्कन्ध - पहला अध्याय..(पोस्ट०७)
रविवार, 11 फ़रवरी 2024
श्रीमद्भागवतमहापुराण प्रथम स्कन्ध - पहला अध्याय..(पोस्ट०६)
श्रीमद्भागवतमहापुराण प्रथम स्कन्ध - पहला अध्याय..(पोस्ट०५)
श्रीमद्भागवतमहापुराण प्रथम स्कन्ध - पहला अध्याय..(पोस्ट०४)
श्रीमद्भागवतमहापुराण प्रथम स्कन्ध - पहला अध्याय..(पोस्ट०३)
श्रीमद्भागवतमहापुराण प्रथम स्कन्ध - पहला अध्याय..(पोस्ट०२)
श्रीमद्भागवतमहापुराण प्रथम स्कन्ध - पहला अध्याय..(पोस्ट०१)
श्रीमद्भागवतमहापुराण तृतीय स्कन्ध-पांचवां अध्याय..(पोस्ट१२)
॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ श्रीमद्भागवतमहापुराण तृतीय स्कन्ध - पाँचवा अध्याय..(पोस्ट१२) विदुरजीका प्रश्न और मैत्रेयजीका सृष्टिक्रमवर्णन तत्...
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सच्चिदानन्द रूपाय विश्वोत्पत्यादि हेतवे | तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नुमः श्रीमद्भागवत अत्यन्त गोपनीय — रहस्यात्मक पुरा...
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॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ श्रीमद्भागवतमहापुराण एकादश स्कन्ध— पाँचवाँ अध्याय..(पोस्ट०२) भक्तिहीन पुरुषों की गति और भगवान् की पूजाविधि ...
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हम लोगों को भगवान की चर्चा व संकीर्तन अधिक से अधिक करना चाहिए क्योंकि भगवान् वहीं निवास करते हैं जहाँ उनका संकीर्तन होता है | स्वयं भगवान...
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||ॐश्रीपरमात्मने नम:|| प्रश्नोत्तरी (स्वामी श्रीशंकराचार्यरचित ‘मणिरत्नमाला’) वक्तव्य श्रीस्वामी शंकराचार्य जी ...
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|| ॐ नमो भगवते वासुदेवाय || “ सदा सेव्या सदा सेव्या श्रीमद्भागवती कथा | यस्या: श्रवणमात्रेण हरिश्चित्तं समाश्रयेत् ||” श्रीमद्भाग...
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निगमकल्पतरोर्गलितं फलं , शुकमुखादमृतद्रवसंयुतम् | पिबत भागवतं रसमालयं , मुहुरहो रसिका भुवि भावुकाः || महामुनि व्यासदेव के द्वारा न...
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॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ श्रीमद्भागवतमहापुराण अष्टम स्कन्ध – आठवाँ अध्याय..(पोस्ट०२) समुद्रसे अमृतका प्रकट होना और भगवान्...
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☼ श्रीदुर्गादेव्यै नम: ☼ क्षमा-प्रार्थना अपराध सहस्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया । दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरी ।। 1...
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शिवसंकल्पसूक्त ( कल्याणसूक्त ) [ मनुष्यशरीर में प्रत्येक इन्द्रियका अपना विशिष्ट महत्त्व है , परंतु मनका महत्त्व सर्वोपरि है ; क्यो...
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॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ श्रीमद्भागवतमहापुराण श्रीमद्भागवतमाहात्म्यम्- पहला अध्याय परीक्षित् और वज्रनाभ का समागम , शाण्डिल...